फ्री राशन के लिए बैंक मैनेजर और पूर्व सैनिक को भी बना डाला मजदूर, उत्तराखंड में बड़ा गड़बड़झाला
उत्तराखंड में श्रम विभाग के ई-श्रम पोर्टल पर सरकारी नौकरी वाले, पूर्व फौजी, विदेशों में काम कर रहे लोग और छात्र भी श्रमिक के रूप में पंजीकृत हैं। राशन कार्ड बनवाने के लिए श्रम विभाग की ओर से पूर्ति विभाग को भेजी गई सूची में इन अपात्रों के नाम सामने आए हैं। देहरादून में तो एक बैंक के मैनेजर का नाम भी सूची में शामिल है। अब ऐसे लोगों में से पात्रों को छांटकर अलग करना पूर्ति विभाग के लिए चुनौती बना हुआ है।
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को निर्देशित किया था कि सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत श्रमिकों के राशन कार्ड बनाए जाएं। इनमें उन श्रमिकों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से जोड़ा जा रहा है, जिनके राशन कार्ड नहीं बने हैं। जिला पूर्ति अधिकारी देहरादून कैलाश अग्रवाल ने बताया कि देहरादून में श्रम विभाग की ओर से दी गई सूची में करीब 1.11 लाख श्रमिक शामिल हैं। 50 लोगों के श्रमिक कार्ड बन गए हैं।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का कोटा पूरा : अपर आयुक्त खाद्य पीएस पांगती ने बताया कि उत्तराखंड में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत 14 लाख लोगों का कोटा है। अधिकांश जिलों में यह कोटा पूरा हो चुका है। लिहाजा, श्रमिकों के राज्य खाद्य योजना यानी पीला वाला कार्ड बनाया जाएगा। इसमें 11 रुपये प्रति किलो के हिसाब से 7.50 किलो चावल प्रति कार्ड महीना मिलता है, जबकि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना? में एक किलो 900 ग्राम गेहूं, तीन किलो 100 ग्राम चावल प्रति यूनिट मुफ्त दिया जाता है।
पौड़ी जिले में सूची में 587 लोग अपात्र पाए गए हैं। हरिद्वार जिले में 1.21 लाख लोगों की सूची पूर्ति विभाग को मिली है। इनमें से 17998 श्रमिकों के कार्ड बने हुए पाए गए। डीएसओ कार्यालय की ओर से फोन करने पर 10449 श्रमिकों का फोन नंबर बंद मिला। टिहरी जिले के डीएसओ मनोज डोभाल के अनुसार, अब तक 72 श्रमिक ऐसे मिले हैं, जो कार्ड बनाने के मानकों को पूरा नहीं करते हैं। बागेश्वर में इस सूची में 197 ऐसे श्रमिक हैं जो सरकारी नौकरी में हैं। यूएसनगर में 10 श्रमिक सरकारी नौकरी करते मिले हैं।
श्रमायुक्त दीप्ति सिंह ने कहा, ”केंद्र सरकार के ई श्रम पोर्टल पर उत्तराखंड से करीब 31 लाख लोगों ने अपना पंजीकरण कराया है। ई-श्रम पोर्टल पर लोगों ने स्व घोषणा कर अपना पंजीकरण कराया है। ऐसे में किसी भी तरह की गुंजाइश रह सकती है। केंद्र की ओर से सरकारी सहायता का लाभ देने से पहले सभी का वेरिफिकेशन कराने के निर्देश दिए हैं। सभी श्रमिकों का वेरिफिकेशन कराया जा रहा है। जो भी पात्र नहीं होगा, उन्हें सूची से हटा दिया जाएगा। अपर आयुक्त खाद्य पीएस पांगती ने कहा, ”प्रदेश में श्रम विभाग से जारी सूची में 80 फीसदी लोगों के राशन कार्ड बने हुए हैं। सभी जिलों को पूर्ति निरीक्षकों के माध्यम से पात्रों की लिस्ट बनाने के लिए कहा गया है। विभाग की ओर से लगातार निगरानी की जा रही है।”