उत्तराखंड

नैनी पेपर मिल प्रशासक पर लगाया धोखे से जमीन हड़पने का आरोप,करोड़ों की कीमत है जमीन की

काशीपुर ,कुण्डा । पेपर मिल प्रशासक के द्वारा अनुसूचित जाति के किसानो की जूतासे की जमीन का सौदा कर बयाने का एग्रीमेंट कर जमीन पर कब्जा कर लिया । किसानो ने जब बाकी जमीन का रुपया मांगा तो फैक्टरी प्रशासक ने पहले तो किसानों को दिलासा देते रहे की कुछ दोनों में उनकी बाकी रकम अदा कर देंगे जब-जब समय ज्यादा बीत गया तो फैक्टरी प्रशासक ने किसानो की जमीन का बाकी पैसा देने से साफ इनकार कर दिया जिसको लेकर किसान वर्ष 2020 से लगातार प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं परंतु प्रशासन किसानों को उनकी जमीन का बाकी रुपया नहीं दिला पा रहा जिससे नाराज होकर किसान थक हार कर किसान नेताओं को अपने साथ लेकर अपनी जमीन पर झोपड़ी डालकर रहने के लिए फैक्ट्री में पहुंच गए। सूचना मिलने पर कुंडा थाना प्रभारी हरेंद्र चौधरी, सूर्या चौकी प्रभारी मनोज धोनी और उपनिरीक्षक नवीन जोशी पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंच गए, इस दौरान कुंडा थाना प्रभारी हरेंद्र चौधरी के समझाने पर किसान नेता और किसान के साथ फैक्ट्री प्रबंधन से बैठकर बातचीत करके मामले का हल निकालने की बात पर सहमत होकर फिलहाल अपने घर चले गए हैं। मामला मुरादाबाद रोड स्थित नैनी पेपर मिल का है। मामला पांच किसानो की 6 एकड़ भूमि का बताया जा रहा है। किसान अनूप सिंह,चरन सिंह,भूप सिंह,करतब सिंह, पुत्रगण केसर सिंह, तथा स्वर्गीय पाल सिंह के पुत्र जगतार सिंह निवासी ग्राम बाबरखेडा तहसील काशीपुर जिला उधमसिंहनगर ने बताया कि वह वर्ष 2020 से परेशान है।जिसके चलते उन्होंने बुधवार को फैक्ट्री पहुंचकर अपनी जमीन पर झोपड़ी डालकर रहने के इरादे से जमीन पर पहुंचे थे। उसने बताया कि उसके पिता के द्वारा एक लिखित रजिस्टर्ड एग्रीमेंट तहसील काशीपुर में नैनी पेपर मिल के द्वारा कराया था जोकि ग्राम बाबरखेडा तहसील काशीपुर के खसरा न0 1293 व 1294 वर्ग 1 ख गर्वनमेन्ट ग्रान्ट एक्ट की भूमि का एग्रीमैन्ट घोखे से करवाकर कब्जा करने का आरोप लगाया है। उसने बताया कि वह बाबरखेडा तहसील काशीपुर का काश्तकार है ग्राम बाबरखेडा तहसील काशीपुर के खसरा न० 1293 रक्चा 1.238 है० व खसरा न० 1294 मि० रक्चा 0.010 है० कुल रक्चा 1.248 है० भूमि पर उसके पिता श्री पाल सिंह पुत्र केसर सिंह का नाम सहखातेदारी में दर्ज अभिलेख दर्ज है जिसमें उसके पिता श्री पाल सिंह का स्वर्गवास हो चुका है जिस पर उसका नाम व उसकी माता व भाई का नाम बतौर विरासतन दर्ज है। उसने बताया कि उसके पिता श्री पाल सिंह द्वारा अपने जीवनकाल में एक एग्रीमैन्ट उपरोक्त आराजी के समबन्ध में राहुल अग्रवाल उपरोक्त के साथ किया था।जिसमें स्टाम्प कम लगाने के चक्कर में पंजीकृत एग्रीमैन्ट में सौदे की रकम कम दर्शाकर पंजीकृत करवा लिया उसके पिता श्री पाल सिंह कम पडे लिखे व कानूनन अनभिज्ञय व्यक्ति थे जिनको इस बात की जानकारी नही थी की जो एग्रीमेन्ट करवाया गया था।उसमें सौदा चालिस लाख के स्थान पर 12,3000,00 बारह लॉख तीस हजार रूपये लिखा गया है जबकि वास्तविक सौदा चालिस लाख रूपये तय हुआ था उसने बताया कि उसके पिता अनुसूचित जाति के है जो एग्रीमैन्ट में नहीं खोली गयी है उसके पिता की मृत्यू के बाद नैनी पेपर मिल प्रशासन के मन में बेईमानी आ गयी और उसकी भूमि पर कब्जा कर लिया। तो वहीं भारतीय किसान यूनियन के नेता जितेंद्र सिंह जीतू ने कहा कि वह किसानों के साथ हैं और किसी भी कीमत पर किसानों को न्याय दिल कर ही रहेंगे। उन्होंने बताया कि फैक्ट्री प्रबंधन ने किसानों के साथ धोखाधड़ी की है उन्होंने बताया कि किसानों से 40 लख रुपए एकड़ में जमीन का सौदा हुआ था और किसानों को 12 लाख 30000 रुपए एकड़ के हिसाब से रुपए दिए गए हैं जो कि सरासर गलत है जबकि किसानों के जमीन में अपने मकान भी बने हुए थे उन्होंने बताया कि उत्तराखंड शासन के अनुसार अनुसूचित जाति के व्यक्ति की जमीन कोई अन्य सामान्य जाति का व्यक्ति नहीं खरीद सकता है। तो फिर तहसील प्रशासन के द्वारा किस तरह से उसकी जमीन का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट करा दिया किसी साधारण व्यक्ति का तो तहसील प्रशासन रजिस्टर्ड एग्रीमेंट होने नहीं देता है। उन्होंने कहा कि लगातार प्रशासन से गरीब किसानों को न्याय दिलाए जाने के संबंध में अपील की जा रही है परंतु प्रशासन ने किसानो की मदद नहीं की  जिसकी वजह से उन्हें खुद किसानो की मदद को आना पड़ा। और वह तब तक चैन से नहीं बैठेंगे तब तक किसानों को उनकी जमीन का बकाया रुपया फैक्टरी प्रशासन दे नहीं देता। आगे उन्होंने कहा कि कुंडा थाना प्रभारी श्री हरेंद्र चौधरी जी के कहने पर हम लोगों ने धरना समाप्त कर दिया इसके बाद उप जिला अधिकारी महोदय काशीपुर के कार्यालय में नैनी पेपर मिल के प्रबंधन औरपीड़ित परिवार के साथ बातचीत की गई बातचीत के दौरान नैनी पेपर मिल प्रबंधन के द्वारा 2 अक्टूबर को बैठकर आपसी समझौता करने की बात हुई है उन्होंने कहा कि अगर 2 अक्टूबर को नैनी पेपर मिल के प्रबंधन के द्वारा दलित किसानों की जमीन का रुपया नहीं दिया गया तो भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में हम लोग सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे। तो वही जब इस संबंध में नैनी पेपर मिल प्रबंधन से बातचीत कर जानकारी लेना चाहि तो उन्होंने जानकारी देने से साफ इनकार कर दिया।काशीपुर ,कुण्डा । पेपर मिल प्रशासक के द्वारा अनुसूचित जाति के किसानो की जूतासे की जमीन का सौदा कर बयाने का एग्रीमेंट कर जमीन पर कब्जा कर लिया । किसानो ने जब बाकी जमीन का रुपया मांगा तो फैक्टरी प्रशासक ने पहले तो किसानों को दिलासा देते रहे की कुछ दोनों में उनकी बाकी रकम अदा कर देंगे जब-जब समय ज्यादा बीत गया तो फैक्टरी प्रशासक ने किसानो की जमीन का बाकी पैसा देने से साफ इनकार कर दिया जिसको लेकर किसान वर्ष 2020 से लगातार प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं परंतु प्रशासन किसानों को उनकी जमीन का बाकी रुपया नहीं दिला पा रहा जिससे नाराज होकर किसान थक हार कर किसान नेताओं को अपने साथ लेकर अपनी जमीन पर झोपड़ी डालकर रहने के लिए फैक्ट्री में पहुंच गए। सूचना मिलने पर कुंडा थाना प्रभारी हरेंद्र चौधरी, सूर्या चौकी प्रभारी मनोज धोनी और उपनिरीक्षक नवीन जोशी पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंच गए, इस दौरान कुंडा थाना प्रभारी हरेंद्र चौधरी के समझाने पर किसान नेता और किसान के साथ फैक्ट्री प्रबंधन से बैठकर बातचीत करके मामले का हल निकालने की बात पर सहमत होकर फिलहाल अपने घर चले गए हैं। मामला मुरादाबाद रोड स्थित नैनी पेपर मिल का है। मामला पांच किसानो की 6 एकड़ भूमि का बताया जा रहा है। किसान अनूप सिंह,चरन सिंह,भूप सिंह,करतब सिंह, पुत्रगण केसर सिंह, तथा स्वर्गीय पाल सिंह के पुत्र जगतार सिंह निवासी ग्राम बाबरखेडा तहसील काशीपुर जिला उधमसिंहनगर ने बताया कि वह वर्ष 2020 से परेशान है।जिसके चलते उन्होंने बुधवार को फैक्ट्री पहुंचकर अपनी जमीन पर झोपड़ी डालकर रहने के इरादे से जमीन पर पहुंचे थे। उसने बताया कि उसके पिता के द्वारा एक लिखित रजिस्टर्ड एग्रीमेंट तहसील काशीपुर में नैनी पेपर मिल के द्वारा कराया था जोकि ग्राम बाबरखेडा तहसील काशीपुर के खसरा न0 1293 व 1294 वर्ग 1 ख गर्वनमेन्ट ग्रान्ट एक्ट की भूमि का एग्रीमैन्ट घोखे से करवाकर कब्जा करने का आरोप लगाया है। उसने बताया कि वह बाबरखेडा तहसील काशीपुर का काश्तकार है ग्राम बाबरखेडा तहसील काशीपुर के खसरा न० 1293 रक्चा 1.238 है० व खसरा न० 1294 मि० रक्चा 0.010 है० कुल रक्चा 1.248 है० भूमि पर उसके पिता श्री पाल सिंह पुत्र केसर सिंह का नाम सहखातेदारी में दर्ज अभिलेख दर्ज है जिसमें उसके पिता श्री पाल सिंह का स्वर्गवास हो चुका है जिस पर उसका नाम व उसकी माता व भाई का नाम बतौर विरासतन दर्ज है। उसने बताया कि उसके पिता श्री पाल सिंह द्वारा अपने जीवनकाल में एक एग्रीमैन्ट उपरोक्त आराजी के समबन्ध में राहुल अग्रवाल उपरोक्त के साथ किया था।जिसमें स्टाम्प कम लगाने के चक्कर में पंजीकृत एग्रीमैन्ट में सौदे की रकम कम दर्शाकर पंजीकृत करवा लिया उसके पिता श्री पाल सिंह कम पडे लिखे व कानूनन अनभिज्ञय व्यक्ति थे जिनको इस बात की जानकारी नही थी की जो एग्रीमेन्ट करवाया गया था।उसमें सौदा चालिस लाख के स्थान पर 12,3000,00 बारह लॉख तीस हजार रूपये लिखा गया है जबकि वास्तविक सौदा चालिस लाख रूपये तय हुआ था उसने बताया कि उसके पिता अनुसूचित जाति के है जो एग्रीमैन्ट में नहीं खोली गयी है उसके पिता की मृत्यू के बाद नैनी पेपर मिल प्रशासन के मन में बेईमानी आ गयी और उसकी भूमि पर कब्जा कर लिया। तो वहीं भारतीय किसान यूनियन के नेता जितेंद्र सिंह जीतू ने कहा कि वह किसानों के साथ हैं और किसी भी कीमत पर किसानों को न्याय दिल कर ही रहेंगे। उन्होंने बताया कि फैक्ट्री प्रबंधन ने किसानों के साथ धोखाधड़ी की है उन्होंने बताया कि किसानों से 40 लख रुपए एकड़ में जमीन का सौदा हुआ था और किसानों को 12 लाख 30000 रुपए एकड़ के हिसाब से रुपए दिए गए हैं जो कि सरासर गलत है जबकि किसानों के जमीन में अपने मकान भी बने हुए थे उन्होंने बताया कि उत्तराखंड शासन के अनुसार अनुसूचित जाति के व्यक्ति की जमीन कोई अन्य सामान्य जाति का व्यक्ति नहीं खरीद सकता है। तो फिर तहसील प्रशासन के द्वारा किस तरह से उसकी जमीन का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट करा दिया किसी साधारण व्यक्ति का तो तहसील प्रशासन रजिस्टर्ड एग्रीमेंट होने नहीं देता है। उन्होंने कहा कि लगातार प्रशासन से गरीब किसानों को न्याय दिलाए जाने के संबंध में अपील की जा रही है परंतु प्रशासन ने किसानो की मदद नहीं की जिसकी वजह से उन्हें खुद किसानो की मदद को आना पड़ा। और वह तब तक चैन से नहीं बैठेंगे तब तक किसानों को उनकी जमीन का बकाया रुपया फैक्टरी प्रशासन दे नहीं देता। आगे उन्होंने कहा कि कुंडा थाना प्रभारी श्री हरेंद्र चौधरी जी के कहने पर हम लोगों ने धरना समाप्त कर दिया इसके बाद उप जिला अधिकारी महोदय काशीपुर के कार्यालय में नैनी पेपर मिल के प्रबंधन औरपीड़ित परिवार के साथ बातचीत की गई बातचीत के दौरान नैनी पेपर मिल प्रबंधन के द्वारा 2 अक्टूबर को बैठकर आपसी समझौता करने की बात हुई है उन्होंने कहा कि अगर 2 अक्टूबर को नैनी पेपर मिल के प्रबंधन के द्वारा दलित किसानों की जमीन का रुपया नहीं दिया गया तो भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में हम लोग सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे। तो वही जब इस संबंध में नैनी पेपर मिल प्रबंधन से बातचीत कर जानकारी लेना चाहि तो उन्होंने जानकारी देने से साफ इनकार कर दिया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close
Back to top button