पुणे के रईसजादे ने लिख दिया जमानत वाला निबंध, हाईकोर्ट पहले ही दे चुका है राहत
पुणे के कल्याणी नगर में हुए पोर्श कांड में पुलिस अब सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है। इसी बीच खबर है कि नाबालिग आरोपी ने जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड यानी JJB में निबंध जमा करा दिया है। खास बात है कि हादसे के कुछ घंटों बाद ही आरोपी नाबालिग को निबंध लिखने पुलिस के साथ मिलकर काम करने जैसी शर्तों पर जमानत दे दी थी। हादसे में मध्य प्रदेश के रहने वाले दो इंजीनयर युवक और युवती की मौत हो गई थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जेजेबी एक अधिकारी ने बुधवार को जानकारी दी है कि नाबालिग ने निबंध जमा कर दिया है। खास बात के जमानत दिए जाने के बाद जेजेबी के अधिकारी भी सवालों के घेरे में गए थे। उनके खिलाफ जांच के लिए एक समिति भी गठित की गई थी। हालांकि, मामला बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंच गया था। जहां अदालत ने नाबालिग आरोपी को निगरानी केंद्र से रिहा करने के निर्देश दिए थे।
सोशल मीडिया पर फैसले की जमकर हुई आलोचना के बाद उसे निगरानी केंद्र भेजने का निर्देश दिया गया था। बाद में पुलिस जांच में कई ब्लड सैंपल बदले जाने जैसी बातों का भी खुलासा हुआ था। इस मामले में पुलिस ने ससून अस्पताल के दो डॉक्टर और एक कर्मचारी को भी गिरफ्तार किया था।
हिरासत में पूरा परिवार
हादसे के बाद नाबालिग आरोपी को मेडिकल के लिए ससून अस्पताल लाया गया था, जहां उसका ब्लड सैंपल बदल दिया गया था। बाद में सामने आया कि नाबालिग की मां को ही बेटे का सैंपल बताकर आगे बढ़ा दिया गया था। पुलिस ने कहा था कि जांच कर रहे डॉक्टरों ने नाबालिग के सैंपल को डस्टबिन में फेंक दिया था। इस मामले में पुलिस आरोपी की मां को भी हिरासत में ले चुकी है।मामले की जांच के दौरान पुलिस ने नाबालिग आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल और दादा को भी हिरासत में ले लिया है। खास बात है कि विशाल अग्रवाल पुणे के जाने-माने बिल्डर हैं। हादसे में जान गंवाने वालों की पहचान अश्विनी कोष्टा और अनीस अवधिया के तौर पर हुई थी।