उत्तराखंड

बयान से नाराज सिखों ने फूका राहुल गांधी का पुतला

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काशीपुर कांग्रेस नेता एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा अमेरिका में सिखों पर दिये बयान से नाराज सिखों ने गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा के बैनर तले राहलु गांधी का पुतला फूंककर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन तहसीलदार काशीपुर पंकज चंदोला को सौंपा।

ज्ञापन में सिखों ने कहा कि सिख समाज ने मुगलकाल की क्रूरता काल से ही राष्ट्र एवं धर्म के प्रति सदैव त्याग, तपस्या और बलिदान दिया है। चाहे वह भारतीय सेनाओं में रहकर देश की सीमाओं की रक्षा करते हुये अपनी जान न्यौछावर करने का संबंध हो या देश में डॉक्टर, इंजीनियर, पायलट, आईएएस या पीसीएस के रूप में सेवा देने का संबंध हो। भारत माता की आजादी के लिये सिखों का फांसी के तख्ते पर चढ़ जाना या कालेपानी की घोर यातनायें झेलते हुये जेलों में रहने का विषय हो। प्रत्येक क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने वाले सिख रहे हैं। लेकिन अमेरिका में कांग्रेस के मन्द बुद्धि नेता राहुल गांधी द्वारा सिखों का घोर अपमान करते हए यह भामक एवं झूठा बयान दिया गया कि भारत में सिखों को उनकी आन बान शान पगड़ी व कड़ा पहनने नहीं दिया जा रहा हैं एवं उनकी अटूट आस्था के प्रतीक गुरुद्वारे में जाने पर भी रोक है, जोकि सिखों के लिये राहुल गांधी का भयंकर झूठ व असत्य बयान व असहनीय दुष्प्रचार है। जिसका सिख समाज पुरजोर विरोध करता है।
सिखों ने कहा कि इसके विपरीत आज की मोदी सरकार में सिख भारत में शान से रह रहे हैं एवं अपनी धार्मिक पहचान एवं पूजा पद्धति बहुत अच्छे व सुखद वातावरण में कर रहे हैं। जबकि 1984 में कांग्रेस सरकार में निरीह एवं निर्दाेष हजारों सिखों का खुलेआम कत्लेआम किया गया एवं कांग्रेसी सरकार में सिखों के सर्वाेच्च आस्था का प्रतीक हरमिन्दर साहब अमृतसर में तोप के गोलों से गुरुद्वारे की इमारत को गिरा दिया गया तथा हजारों सिख श्रद्धालुओं का कत्लेआम किया गया।
सिख समाज ने मांग की है कि कांग्रेस पार्टी व राहुल गांधी सिख समाज से माफी मांगें एवं राहुल गांधी के इस नापाक अपराध के लिये दण्डात्मक कार्यवाही करते हुये उन्हें राजनीति क्षेत्र से अयोग्य घोषित किया जाये।
पुतला फूंकने व ज्ञापन देने वालों में खिलेंद्र चौधरी, गुरविन्दर सिंह चंडोक, विक्टर सेठी, गुरमुख सिंह भुल्लर, गुरताज भुल्लर, संदीप सिंह, सुखविन्दर सिंह, मनदीप सिंह सेठी, चरनजीत सिंह, नरेन्द्र मोहन सिंह बक्शी, बलदेव सिंह, गुरनाम सिंह, अतुल पंत, परमजीत सिंह चंडोक, रणबीर सिंह, बलकार सिंह, दलजीत सिंह, अरविन्दर सिंह, नारायण सिंह, परमजीत सिंह, बलवंत सिंह, जसवीर सिंह,जगजीत सिंह हैप्पी , गुरबख्श सिंह बग्गा आदि मौजूद थे।

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